Sunday, December 11, 2022

Istanbul DIARY PART 1




















 *इस्तांबुल डायरी भाग १*

पिछले कई वर्ष से कोविड के कारण देश विदेश के सेमिनार और यात्राएँ स्थगित रही थीं 


Lmhi जो विश्व में होने वाला होमीओपैथ का महाकुंभ होता है कोविड के कारण नहीं हो पा रहा था 

इस वर्ष यह तुर्की के सबसे बड़े शहर ( राजधानी नहीं ) में होना सुःनिश्चित हुआ , अपने शोधपत्र की एंट्री डाल दी और सौभाग्य से यह अनुमोदित भी हो गया 

बचपन से टर्की के बारे में ख़्याल आते ही मस्तिष्क में जो चित्र आता है वो सबसे बड़ी मस्जिद जा आता है , लेकिन यहाँ आकर तो परिदृश्य ही बदल गया 

क़रीब बीस मिलियन आबादी का यह शहर यूरोपीयन कल्चर और वास्तु का है और मौसम तो बेहद ख़ुशगवार है 

एक ऐसा देश तो यूरोप और ऐशिया के बीच पुल का काम करता है और है भी यहाँ उनको आपस में जोड़ने वाला एक लम्बा और व्यस्त पुल जो देखने में गोल्डन गेट ब्रिज से किसी मामले में कम नहीं है 

दिल्ली से टर्किश ऐरवेज़ की लम्बी उड़ान ने थका कर चूर कर दिया था लेकिन हवाई अड्डे से होटल बिलक तक के सफ़र में ही बता दिया था अगले ७-८ दिन हम एक अच्छे देश में रहेंगे और एक अच्छी याद लेकर जाएँगे 

हवाई अड्डे से सीधे पहुँचे taxim इलाक़े में और होटल करॉची दरबार में लज़ीज़ भारतीय भोजन का आनन्द लिया 

थोड़ी देर होटल में सोने के बाद हम निकले शाम की बोसफ़ोरस क्रूज़ राइड पर बेहतरीन व्यंजनों से भरपूर खाने के साथ , टर्किश डान्स, चाकू शो और नाचते गाते कब १२ बज गए पता ही नहीं चला 

क्रूज़ की डेक से इस्तांबुल शहर को देख़ना एक शानदार अनुभव रहा , महिलाएँ आदतन सेल्फ़ी आबसेस्ट होती ही हैं तो लगे क्लिक क्लिक होने 

कुल मिलाकर पहली शाम बेहद ख़ुशगवार और शानदार रही 

क्रमशः…

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